पवार परिवार में घमासान! अजित पवार गुट ने शरद गुट के 10 विधायकों को बचाने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया।
पार्टी पर कब्जे की लड़ाई तेज, फैसले से महाराष्ट्र की राजनीति में भी उथल-पुथल संभव
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा भूचाल आया है। पवार परिवार के अंदरूनी झगड़े में अजित पवार गुट ने कानूनी रास्ता अपनाते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शरद पवार से जुड़े 10 विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराने के फैसले के खिलाफ अजित पवार ने याचिका दायर की है। यह कदम राज्य के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवारों में से एक की लड़ाई में नया मोड़ लाता है।
इस घटना से पवार परिवार के अंदर गहरी दरार साफ नजर आ रही है। पार्टी पर नियंत्रण को लेकर अजित पवार के इस गुट का मानना है कि 10 विधायकों को अयोग्य न करार देना अन्यायपूर्ण है। यह कानूनी चुनौती शरद पवार और उनके समर्थकों के लिए सीधा टकराव है।
शरद पवार गुट के लिए 10 विधायकों को अयोग्य न ठहराने का निर्णय शुरू में राहत देने वाला था। लेकिन, अजित पवार गुट का हाईकोर्ट जाने का फैसला मामले को और उलझा देता है। अदालत का निर्णय न केवल इन विधायकों को प्रभावित करेगा बल्कि भविष्य में राजनीतिक दलों के आंतरिक विवादों के लिए भी मिसाल कायम कर सकता है।
इस कानूनी लड़ाई के केंद्र में पार्टी पर दबदबा बनाने की जद्दोजहद है। हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती देना अजित पवार की पार्टी के भीतर अपनी पकड़ मज़बूत करने की रणनीति है।
इस फैसले का महाराष्ट्र की राजनीति पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। राज्य के एक प्रमुख राजनीतिक दल के भीतर सत्ता संतुलन बदल सकता है। यह आने वाले चुनावों में पार्टी की रणनीतियों को भी निर्देशित करेगा।
हाईकोर्ट के समक्ष यह मामला आने से सियासी गलियारों में हलचल है। निर्णय इन 10 विधायकों के भाग्य के साथ-साथ इस परिवार और पार्टी के भविष्य को भी तय करेगा। यह घटना बताती है कि राजनीतिक दलों के भीतर मतभेद का प्रबंधन कितना जटिल है!
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